कविता मानव की मौलिक प्रवृत्ति है June 16, 2021 / June 16, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमानवकी मौलिक प्रवृत्ति हैअपनीगुनाहव सजा के लिएदूसरे को कसूरवारठहराना! जबकि हरेकशख्सपाता है, अपनी कृतगुनाह की सजा! मानव की मौलिकप्रवृत्ति है,गलत तरीके से प्राप्त लाभकोनिरंतर बरकरार रखना! औरगलत लाभपरअंकुशजोलगाएउसेगलत कहना! मानव कीमौलिक प्रवृत्ति हैप्रशंसा के नाकाबिल होनेपर भीअपनी प्रशंसा से खुश होना! यथा स्थिति जो बयान करे,उससेतुरंतही नाराज़ होना! मानव की मौलिक प्रवृत्ति हैजो […] Read more » मानव की मौलिक प्रवृत्ति है