व्यंग्य
मेरा गुरु महान
by बीनू भटनागर
मेरे देश मे गुरु घंटालों का, मेला लगा है। कहीं बाबा निर्मल, कहीं आसाराम तो, कहीं रामपाल हैं। कहीं आनन्दमयी तो, तो कहीं निर्मला मां हैं। सबने लोगों के मन पर, झाडू लगाई हैं । साबुन से घिसा,निचोड़ा, दिमाग़ की कर दी धुलाई। अब कोरा काग़ज़, जो चाहें लिख दो, भक्त जयकारा ही करेंगे। […]
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