कविता विविधा मेरा सब कुछ अब तू ही मेरे मौला August 19, 2015 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment मुझे अपने रंग में ; रंग दे ,मेरे मौला मुझे भी अपने संग ले ले ,मेरे मौला जब हर कोई मेरा साथ छोड़ दे , दुनिया के भीड़ में तन्हा छोड़ दे तब ज़िन्दगी की तन्हाइयों में एक तेरा ही तो साया ; मेरे साथ होता है मेरे मौला मेरा सब कुछ अब तू […] Read more » मेरा सब कुछ अब तू ही मेरे मौला