गजल साहित्य मेरे जीने की रफ्तार कम तो नहीं- श्यामल सुमन June 12, 2013 / June 12, 2013 by श्यामल सुमन | Leave a Comment मौत आती है आने दे डर है किसे, मेरे जीने की रफ्तार कम तो नहीं बाँटते ही रहो प्यार घटता नहीं, माप लेना तू सौ बार कम तो नहीं गम छुपाने की तरकीब का है चलन, लोग चिलमन बनाते हैं मुस्कान की पार गम के उतर वक्त से जूझकर, अपनी हिम्मत पे अधिकार कम […] Read more » मेरे जीने की रफ्तार कम तो नहीं