कविता .मैं उनसे होली खेलूं April 2, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment होली का पावन त्यौहार, बरसे उमंगों की फौहार। मेरा मन कहता है, मैं किससे होली खेलूं।। क्या उनसे जो ऊपर से हंसते हैं, और भीतर से खंजर कसते हैं? क्या उनसे जो दारू का भंगड़ा करते हैं, और भीतर से ईष्र्या भाव से जले मरते हैं? क्या उनसे जो गले मिलकर भी नही मिलते, और […] Read more » .मैं उनसे होली खेलूं