धर्म-अध्यात्म यशोदनंदन-२० March 11, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment छः महीनों में ही श्रीकृष्ण घुटनों के बल मकोइया बन पूरे आंगन में विचरण करने लगे। चलते समय वे किलकारी मारना नहीं भूलते थे। भांति-भांति के मणियों से जड़ित समुज्ज्वल आंगन में अपने ही प्रतिबिंब को पकड़ने के लिए इधर से उधर दौड़ लगाते, कभी सिर झुका उसे चूमने का प्रयत्न करते, तो कभी […] Read more » यशोदनंदन-२०