कविता साहित्य यूँ खुद को उदास करो February 5, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सारी कोशिशें जब दर दीवार होने लगे बेवजह जब कोई दरकिनार होने लगे फलसफाँ रहगुजर का नया आयाम तलाश करो….. घुट घुट कर जी कर ना खुद को उदास करों…. उम्मीदें सारी जब गम ए रूखसार होने लगे उन्मादमयी सपने सारे यातनाओं मे सोने लगे करवटे बदल कर नया रास्ता इजाद करो.. अतीत से मुखातिब […] Read more » यूँ खुद को उदास करो