विविधा शख्सियत ‘गोरा’ उपन्यास में पराधीन भारत की राष्ट्रीय चेतना का स्वरूप May 2, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -कुमार कृष्णन- -गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर विशेष- रवीन्द्र नाथ ठाकुर का उपन्यास ‘गोरा’, अंग्रेजी शासन में भारत की राष्ट्रीय चेतना का औपन्यासिक महाकाव्य है। यह उस कालखण्ड की रचना है, जब भारतीय समाज अपने जातीय गौरव से विछिन्न होकर या तो अपने कालचक्र के कारण या फिर पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में आकर […] Read more » Gora novel Rabindranath Thakur गोरा उपन्यास रवींद्रनाथ ठाकुर