समाज ट्रिपल तलाक़:संस्थागत धर्म की सीमाएं तय करना जरूरी August 27, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment इंस्टैंट ट्रिपल तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्याय प्रक्रिया की बारीकियों के आधार पर मूल्यांकन करने पर एक संतुलित और तकनीकी दृष्टि से परिपूर्ण परंपरागत फैसला है किन्तु अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण यह ऐतिहासिक बनते बनते रह गया है। सर्वप्रथम पांच जजों की बेंच द्वारा दिए गए फैसले पर नज़र डालना आवश्यक है। […] Read more » अस्पृश्यता अपराध अधिनियम(1955) आर्य विवाह वैधानिकरण अधिनियम (1937) इंस्टैंट ट्रिपल तलाक़ ईश्वरचंद्र विद्यासागर घरेलू हिंसा अधिनियम(2005) ज्योति बा फुले ट्रिपल तलाक दहेज उन्मूलन कानून(1961 पंडिता रमा बाई बाबा आमटे बाबा साहब अम्बेडकर बाल विवाह निषेध अधिनियम(1929) विशेष विवाह अधिनियम (1872 भ्रूण हत्या प्रसव पूर्व निदान तकनीक नियमन अधिनियम (1994) मदर टेरेसा महात्मा गांधी राजा राममोहन रॉय लॉ ऑफ एबॉर्शन (1971) विनोबा भावे सती प्रथा निषेध अधिनियम(1829) सावित्री बाई फुले स्वामी दयानंद सरस्वती स्वामी विवेकानंद हिन्दू अवयस्कता तथा संरक्षण अधिनियम(1956) हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधित)अधिनियम (1925 हिन्दू दत्तक तथा भरण पोषण अधिनियम(1956) हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम(1850) हिन्दू विवाह अधिनियम (1955)