व्यंग्य दिन में तोड़ो, रात में जोड़ो November 10, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment परसों शर्मा जी के घर गया, तो चाय के साथ बढ़िया मिठाई और नमकीन भी खाने को मिली। पता लगा कि उनका दूर का एक भतीजा राजुल विवाह के बाद यहां आया हुआ है। मैंने उसके कामधाम के बारे में पूछा, तो शर्मा जी ने उसे बुलवाकर मेरा परिचय करा दिया। – क्यों बेटा राजुल, […] Read more » Featured दिन में तोड़ो रात में जोड़ो