गजल मैंने हर रोज जमाने को रंग बदलते देखा है September 4, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मैंने हर रोज जमाने को रंग बदलते देखा है उम्र के साथ जिन्दगी के ढंग बदलते देखा है वो जो चलते थे तो शेर के चलने का होता था गुमान उनको भी पाँव उठाने के लिये सहारे के लिये तरसते देखा है जिनकी नजरों की चमक देख सहम जाते थे लोग उन्ही नजरों को बरसात […] Read more » इंसान एक गजल -मैंने हर रोज जमाने को रंग बदलते देखा है पत्तो रोज जमाने