संगीत ठेठ गंवई लोकचेतना का पुरोधा नहीं रहा January 11, 2011 / December 16, 2011 by शिवानंद द्विवेदी | Leave a Comment शिवानन्द द्विवेदी भोजपुरी संगीत का एक बुलंद आवाज अब हमेशा के लिए थम गया। भोजपुरी की इस अपूरणीय क्षति से समूचा भोजपुरी समाज स्तब्ध है। बालेस्सर यादव सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक ख़ास पहचान भी है क्योंकि भोजपुरी की वो ठेंठ गंवई तान जो बालेस्सर यादव में थी, शायद ही अन्यत्र कहीं मिले। मैं […] Read more » Singer लोकगायक बालेसर
विविधा लोकगायक बालेश्वर: ‘माटी के देहियां माटी में’ January 11, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on लोकगायक बालेश्वर: ‘माटी के देहियां माटी में’ प्रदीप चन्द्र पाण्डेय लोकगायक बालेश्वर को शायद यह पता नहीं था कि ‘ माटी के देहिया माटी में’ जिस गीत को वे डूबकर गाया करते थे उनका भी अंतिम समय इतना करीब आ गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कला प्रेमियों के लिये बालेश्वर का निधन हतप्रभ कर देने वाला है। अरे रे, रे रे […] Read more » Singer लोकगायक बालेसर