विविधा “माई री मैं कासे कहूं पीर…!” July 2, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -गिरीश बिलोरे- विधवा जीवन का सबसे दु:खद पहलू है कि उसे सामाजिक-सांस्कृतिक अधिकारों से आज़ भी समाज ने दूर रखा है. उनको उनके सामाजिक-सांस्कृतिक अधिकार देने की बात कोई भी नहीं करता. जो सबसे दु:खद पहलू है. शादी विवाह की रस्मों में विधवाओं को मंडप से बाहर रखने का कार्य न केवल गलत है, वरन […] Read more » विधवा विधवाएं विधवाओं की स्थिति