धर्म-अध्यात्म वेदज्ञान सृष्टि में विद्यमान ज्ञान के सर्वथा अनुकूल एवं पूरक है December 9, 2020 / December 9, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारी सृष्टि ईश्वर की रचना है। यह ऐसी रचना है जिसकी उपमा हम अन्य किसी रचना से नहीं दे सकते। ऐसी रचना ईश्वर से अतिरिक्त कोई कर भी नहीं सकता। परमात्मा प्रकाशस्वरूप एवं ज्ञानवान् सत्ता है। ज्ञानवान होने सहित परमात्मा सर्वशक्तिमान भी हैं। वह सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तयामी एवं सर्वज्ञ हैं। […] Read more » Vedic knowledge is completely compatible and complementary to the knowledge available in the universe. वेदज्ञान
धर्म-अध्यात्म मनुष्य की पूर्ण आत्मोन्नति वेदज्ञान एवं आचरण से ही सम्भव है September 10, 2020 / September 10, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का शरीर जड़ प्रकृति से बना होता है जिसमें एक सनातन, शाश्वत, अनादि, नित्य चेतन सत्ता जिसे आत्मा के नाम से जाना जाता है, निवास करती है। जीवात्मा को उसके पूर्वजन्मों के कर्मों का भोग कराने के लिये ही परमात्मा उसे जन्म व शरीर प्रदान करते हैं। शुभ व पुण्य […] Read more » वेदज्ञान
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन का कल्याण वेदज्ञान के धारण व आचरण से ही संभव August 14, 2020 / August 14, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने हमें मनुष्य जीवन दिया है। हमारा सौभाग्य है कि हम भारत में जन्में हैं जो सृष्टि के आरम्भ से वेद, ऋषियों व देवों की भूमि रही है। मानव सभ्यता का आरम्भ इस देवभूमि आर्यावर्त वा भारत से ही हुआ था। मनुष्य जीवन की उन्नति व कल्याण के लिए परमात्मा […] Read more » वेदज्ञान वेदज्ञान के धारण व आचरण
धर्म-अध्यात्म सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा वेदज्ञान न देता तो अद्यावधि सभी मनुष्य अज्ञानी व असभ्य होते March 28, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान संसार अनेक भाषाओं एवं ज्ञान-विज्ञान से युक्त है। इन सब भाषाओं एवं ज्ञान-विज्ञान का विकास कैसे व कब हुआ, इस प्रश्न का उठना स्वाभाविक है। इन प्रश्नों का समाधान खोजने का सबको प्रयत्न करना चाहिये। हम जानते हैं कि संसार कि सबसे पुरानी सभ्यता वैदिक सभ्यता है। इस सभ्यता का […] Read more » वेदज्ञान