विविधा
वैज्ञानिक नजरिया
by गंगानन्द झा
आदिम मनुष्य प्रकृति के नियमों से सम्पूर्ण रुप से अनभिज्ञ था। मौसमों का लयात्मक रुप से बदलना,सूरज का नियम से पूरब में उगना और पश्चिम में अस्त होना, चाँद की कलाओं का बढ़ना-घटना, तारों भरा आसमान, बादल और उसको चीरती बिजली, समुद्र, पहाड़ और समतल हिस्से, पेड़, पौधे, विभिन्न प्रकार के जानवर, आँधी तूफान, कभी […]
Read more »