कला-संस्कृति अब न बुद्ध हैं, न आम्रपाली, न ही वह वैशाली रही; क्या गणतंत्र है? July 31, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 3 Comments on अब न बुद्ध हैं, न आम्रपाली, न ही वह वैशाली रही; क्या गणतंत्र है? [वैशाली, बिहार से यात्रा संस्मरण] राजीव रंजन प्रसाद भगवान महावीर की जन्मस्थली –वैशाली तीन बार भगवान बुद्ध के चरण रज पडने से भी पवित्र हुई है। पटना से लगभग सत्तर किलोमीटर की यह यात्रा मैनें बाईक से की और रास्ते भर नयनाभिराम नजारों से गुजरता रहा। एशिया के सबसे बडे पुल गाँधी सेतु पर से […] Read more » आम्रपाल गणतंत्र बुद्ध वैशाली