व्यंग्य व्यंग्य-तो कोतवाल जी कहिन-अशोक गौतम May 22, 2012 / May 22, 2012 by अशोक गौतम | Leave a Comment सरकार के घर तो दिन रात डाके पड़ते रहते हैं, कोर्इ पूछने वाला नहीं। कोर्इ सारा दिन दफतर की कुर्सी पर ऊंघने के बाद शाम को दफतर से चुन्नू को रफ काम के लिए सरकारी रजिस्टर बगल में दबाए, जेब में चार पैन डाले शान से घर आ रहा है तो कोर्इ घर के कर्टन […] Read more » satire by Ashok Gautam व्यंग्य-अशोक गौतम व्यंग्य-तो कोतवाल जी कहिन-अशोक गौतम