राजनीति शराबी लोकतंत्र की खराबी का राज October 5, 2012 / October 5, 2012 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य पुरोहित कपिल दो सोने की मोहरें पाने के लिए राजा को आशीर्वाद देने गये। राजा ने कहा-”जितना चाहिए मांग लो।” कपिल के मन में लोभ आ गया। वे बोले-”राज सोचकर आता हूं।” कपिल सोचने लगे-दो सोने की मोहरों से क्या होगा? चार मांग लूं? अरे, जब राजा ही मनमानी इच्छा पूरी कर […] Read more » alcoholic democracy शराबी लोकतंत्र