हिंद स्वराज सुजलाम-सुफलाम-मलयज-शीतलाम; भाग {2} June 2, 2011 / December 12, 2011 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment जैसा की मेने अपने विगत आलेख ”सुजलाम-सुफलाम-मलयज-शीतलाम-भाग{एक]में रेखांकित किया है कि सभ्यताओं के शुभारम्भ से ही सचेत और दूरदर्शी मानवो ने सितारों की गति से धरती पर और धरती कि गतिशीलता से उस पर अवस्थित प्रत्येक चेतन-अचेतन वस्तु या पिंड कि स्थिति पर परिवर्तन का नियम प्रत्यारोपित किया था.कालांतर में १८ वीं शताब्दी के मध्य […] Read more » मलयज शीतलाम सुजलाम सुफलाम
हिंद स्वराज सुजलाम-सुफलाम-मलयज़-शीतलाम -भाग-[एक] May 31, 2011 / December 12, 2011 by श्रीराम तिवारी | 2 Comments on सुजलाम-सुफलाम-मलयज़-शीतलाम -भाग-[एक] ’धरती अपनी धुरी से आधा फुट दूर हटी’’और तेज हुई धरती के घूर्णन की गति’’दिन छोटे और रात बड़ी होने लगी ” धरती खिसकी, धरती खतरे में,बचा सको तो बचा लो इस धरती को. ” इस तरह के अन्य अनेक डरावने और भयानक शीर्षकों वाले आलेखों और विभिन्न सूचना माध्यमों की और से तार्किक-अतार्किक,पुष्ट-अपुष्ट,वैज्ञानिक-अवैज्ञानिक समाचारों […] Read more » मलयज़ शीतलाम सुजलाम सुफलाम