धर्म-अध्यात्म प्रतिशोध की भावना सत्य से अलग करा देती है October 28, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on प्रतिशोध की भावना सत्य से अलग करा देती है संत श्री देवराहाशिवनाथदास भगवान के द्वारा प्राप्त हुई प्रसाद का सदुपयोग न करने से जीव महापाप का भागी होता है। मनुष्य को प्रसाद रूप मे जो बुद्धि मिली है, वही तो भगवत् प्रसाद है। जिसको बुद्धि नहीं मिली है, वही तो भगवत् प्रसाद है। जिसको बुद्धि नहीं मिली है उसको भगवत कृपा से दूर समझें। […] Read more » truth प्रतिशोध की भावना संत श्री देवराहाशिवनाथदास