टॉप स्टोरी संस्कृत के पक्ष में दो शब्द December 4, 2014 / December 8, 2014 by फखरे आलम | Leave a Comment भाषा न तो किसी की जागीर है और न ही इसे सीमाओं की परिधि में समेटा जा सकता। यह तो रुचि के अनुरूप है। भाषा को जबरन किसी पर नहीं थोपा जा सकता। हमारे देश में वर्ग, जाति और धर्म के आधर पर जिस प्रकर से भाषाओं का बंटबारा हुआ वह अच्छी बात नहीं […] Read more » in support of Sanskrit संस्कृत संस्कृत के पक्ष मे