धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्मियों के लिये राष्ट्र वन्दनीय है तथा सत्यार्थप्रकाश इसका पोषक है March 2, 2021 / March 2, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में मत-मतान्तर तो अनेक हैं परन्तु धर्म एक ही है। वेद ही एकमात्र सर्वाधिक व पूर्ण मानवतावादी धर्म है। वेद में निर्दोष प्राणियों, मनुष्य व पशु-पक्षी आदि किसी के प्रति भी, हिंसा करने का कहीं उल्लेख नहीं है। वेद की विचारधारा मांसाहार को सबसे बुरा मानती है। वेद मनुष्य को सभी प्राणियों […] Read more » For Vedic religious people सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ से वेदों के सत्यस्वरूप का प्रचार हुआ February 17, 2021 / February 17, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द के आगमन से पूर्व विश्व में लोगों को वेदों तथा ईश्वर सहित आत्मा एवं प्रकृति के सत्यस्वरूप का स्पष्ट ज्ञान विदित नहीं था। वेदों, उपनिषद एवं दर्शन आदि ग्रन्थों से वेदों एवं ईश्वर का कुछ कुछ सत्यस्वरूप विदित होता था परन्तु इन ग्रन्थों के संस्कृत में होने और संस्कृत का अध्ययन-अध्यापन […] Read more » ऋषि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश से वेदों के महत्व तथा मत-मतान्तरों की अविद्या का ज्ञान होता है January 22, 2021 / January 22, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को यह ज्ञान नहीं होता है कि उसके लिये क्या आवश्यक एवं उचित है जिसे करके वह अपने जीवन को सुखी व दुःखों से रहित बना सके। मनुष्य जीवन के सभी पक्षों का ज्ञान हमें केवल वैदिक साहित्य का अध्ययन करने से ही होता है। वेद विद्या से युक्त तथा अविद्या […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म अविद्या से सर्वथा रहित तथा सत्य ज्ञान से पूर्ण ग्रन्थ है सत्यार्थप्रकाश January 12, 2021 / January 12, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य चेतन एवं अल्पज्ञ सत्ता है। इसका शरीर जड़ पंच–भौतिक पदार्थों से परमात्मा द्वारा बनाया व प्रदान किया हुआ है। परमात्मा को ही मनुष्य शरीर व उसके सभी अवयव बनाने का ज्ञान है। उसी के विधान व नियमों के अन्तर्गत मनुष्य का जन्म होता तथा मनुष्य के शरीर में वृद्धि व […] Read more » Satyartha Prakash सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म वेद के सिद्धान्तों एवं मान्यताओं का प्रचारक प्रमुख ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश December 15, 2020 / December 15, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवेद सृष्टि के आदि ग्रन्थ होने सहित ज्ञान व विज्ञान से युक्त पुस्तक हैं। वेद जितना प्राचीन एवं सत्य मान्यताओं से युक्त अन्य कोई ग्रन्थ संसार में नहीं है। वेद से मनुष्य के जीवन के सभी पहलुओं पर प्रकाश पड़ता है और मार्गदर्शन प्राप्त होता है। वेदों के सत्यार्थ को जानकर हम न […] Read more » Principal book Satyarth Prakash propagator of Vedic principles and beliefs वेद के सिद्धान्तों एवं मान्यताओं का प्रचारक प्रमुख ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ की रचना क्यों की? September 29, 2020 / September 29, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य कोई भी विद्वान जिस विषय को अच्छी प्रकार जानता है, उसको लोगों को जनाने व उस ज्ञान व विद्या से अपरिचित लोगों को परिचित कराने के लिये उस विषयक अपने ग्रन्थ वा पुस्तक की रचना करता है। संसार में इसी उद्देश्य से सहस्रों व लाखों ग्रन्थ लिखे गये हैं। इसके विपरीत […] Read more » Why did Rishi Dayanand write the Satyarthprakash book? ऋषि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ की रचना
धर्म-अध्यात्म धार्मिक एवं सामाजिक साहित्य में सत्यार्थप्रकाश का अग्रणीय स्थान May 17, 2020 / May 17, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में धर्म व नैतिकता विषयक अनेक ग्रन्थ हैं जिनका अपना-अपना महत्व है। इन सब ग्रन्थों की रचना व परम्परा का आरम्भ सृष्टि के आदिकाल में ही ईश्वर प्रदत्त वेदों का ज्ञान देने के बाद से हो गया था। सृष्टि को बने हुए 1.96 अरब वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म सत्यासत्य तथा धर्माधर्म से परिचित कराने वाला एकमात्र ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश है February 16, 2020 / February 16, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन का उद्देश्य सत्य व असत्य को जानना तथा सत्य का आचरण एवं असत्य का त्याग करना है। संसार के मनुष्यों पर दृष्टि डालते हैं तो वह शिक्षित व अशिक्षित तो दृष्टिगोचर होते हैं परन्तु उन सबको देखकर यह नहीं कह सकते कि वह सब सत्य व असत्य से […] Read more » satyarth prakash swami dayanand सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म सनातन वैदिक धर्मियों के लिये राष्ट्र वन्दनीय है तथा सत्यार्थप्रकाश इसका पोषक है February 4, 2020 / February 4, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में मत–मतान्तर तो अनेक हैं परन्तु धर्म एक ही है। वेद ही एकमात्र सर्वाधिक व पूर्ण मानवतावादी धर्म है। वेद में निर्दोष प्राणियों, मनुष्य व पशु–पक्षी आदि किसी के प्रति भी, हिंसा करने का कहीं उल्लेख नहीं है। वेद की विचारधारा मांसाहार को सबसे बुरा मानती है। वेद मनुष्य को […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म यदि सभी मनुष्य विवेकयुक्त होते तो वेद और सत्यार्थप्रकाश सर्वमान्य धर्मग्रन्थ होते November 25, 2019 / November 25, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में तीन अनादि सत्तायें वा पदार्थ हैं जो ईश्वर, जीव व प्रकृति के नाम से वैदिक साहित्य में वर्णित किये गये हैं। वेदों की भाषा मनुष्यकृत न होकर परमात्मा की अपनी भाषा है। वेद की संस्कृत भाषा के शब्द भी परमात्मा के द्वारा प्रयुक्त होने से उसके द्वारा उत्पन्न वा […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश अविद्या दूर कर मनुष्य को सच्चा विद्वान बनता है April 29, 2019 / April 29, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य सत्यार्थप्रकाश आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का लिखा हुआ ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ पहली बार सन् 1874 में लिखा गया था। इसका संशोधित संस्करण सन् 1883 में तैयार हुआ था जो ऋषि दयानन्द की 30-10-1883 को मृत्यु के बाद सन् 1884 में प्रकाशित हुआ था। सत्यार्थप्रकाश इस लिये लिखा […] Read more » satyarth prakash सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ‘भारत में उत्पन्न सब लोगों को देश की उन्नति तन, मन व धन से करनी चाहिये’ November 21, 2018 / November 21, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हम बहुधा देखते कि कुछ स्वदेशवासियों व संस्थाओं में स्वदेश भक्ति कम है अथवा नहीं है। देश और मातृभूमि को सबसे ऊंचा व बड़ा नहीं माना जाता। ऐसे भी लोग हैं जो विदेशी मत-मतान्तरों व उनके अनुसार जीवन जीने में ही अपने को गौरवान्वित अनुभव करते हैं। ऐसे लोगों का आचार, विचार […] Read more » आर्याभिविनय उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्य दर्शन प्रक्षेपरहित वेद सत्यार्थप्रकाश