कविता ईंधन का बवाल June 14, 2014 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment -प्रभुदयाल श्रीवास्तव- मुझको मिले मुसद्दीलाल, लगे सुनाने अपने हाल| बोले कल लखनऊ में था, अभी-अभी आया भोपाल| करते-करते बात तभी, आया उनमें तेज उबाल| इस उबाल की गरमी में , हमने तुरत गला ली दाल| हाय क्रोध की गरमी की, करते नहीं लोग पड़ताल| अगर पके इसमें भोजन, ईंधन का ना रहे बवाल| ————————————————————————– सबसे […] Read more » ईंधन का बवाल कविता सबसे अच्छा हिन्दी कविता