विविधा
गुणवत्ता के नाम पर शिक्षा विभाग ठगी का शिकार हो रहा है
by अनिल अनूप
-अनिल अनूप क्या कभी किसी संस्था ने सरकारी या निजी स्कूलों की आधारभूत सुविधाओं की तुलना की है? क्या शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात, अध्यापकों के लम्बे समय से चल रहे रिक्त पद, गैर-शिक्षण कार्य (जनगणना, मतदान आदि), विभागीय डाक, प्रतिनियुक्तियां, सैमीनार, सिविल कार्यों, रचना कार्यों की तुलना निजी स्कूलों से की है, जहां हर कक्षा का अलग […]
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