धर्म-अध्यात्म
सर्वव्यापक कर्मों का साक्षी परमात्मा मुनष्य को बुरे काम करने पर रोकता क्यों नहीं?
by मनमोहन आर्य
ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरुप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, सर्वज्ञ, जीवों के प्रत्येक कर्म का साक्षी व फल प्रदाता है। जीवात्मा सत्य व चेतन, सूक्ष्म, एकदेशी, अल्पज्ञ, अनादि, अविनाशी, नित्य, अजर, अमर आदि गुणों वाली सत्ता व पदार्थ है। जीवात्मा को पूर्वजन्म के अभुक्त कर्मों, पाप-पुण्य वा प्रारब्ध के आधार पर भिन्न भिन्न योनियों में से किसी एक योनि […]
Read more »