समाज अविवाहित सहजीवन का विषाद ! विवाह का प्रसाद – हृदयनारायण दीक्षित May 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on अविवाहित सहजीवन का विषाद ! विवाह का प्रसाद – हृदयनारायण दीक्षित सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहित सहजीवन को वैध ठहराया है। कोर्ट की अपनी सीमा है। उसने मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21) की ही व्याख्या की है। उसने विवाह नामक संस्था को अवैध नहीं ठहराया लेकिन भारतीय शील, मर्यादा और संस्कृति के विरोधी बम हैं। टिप्पणीकार इसे आधुनिकता की जरूरत बता रहे हैं। लेकिन ऐसे अति आधुनिक (उनकी […] Read more » Marrige विवाह सहजीवन
कविता सहजीवन November 7, 2009 / November 7, 2009 by सतीश सिंह | 3 Comments on सहजीवन पत्नी नहीं है वह पर स्वेछा से करती है अपना सर्वस्व न्यौछावर एक अपार्टमेन्ट की बीसवीं मंजिल पर है उनका एक छोटा सा आशियाना घर को सुंदर रखने के लिए रहती है वह हर पल संघर्षरत पुरुष मित्र के लिए नदी बन जाती है वह और समेट लेती है अपने अंदर उसके […] Read more » कविता सतीश सिंह सहजीवन