व्यंग्य साहित्य साथी हाथ छुड़ाना रे। February 10, 2018 by अमित शर्मा (CA) | Leave a Comment अमित शर्मा (CA) हर कार्यालय की लय,वहाँ कार्य से फ़र्ज़ी एनकाउंटर करने वाले कर्मचारियों की कुशलता में लीन रहकर अंततोगत्वा अपने प्रारब्ध में ही विलीन हो जाती है। कार्यालय में कार्य करने वाले आपके सहकर्मी, कार्यस्थल को घटनास्थल बनाने के लिए दिल और जान को उचित मात्रा में मिलाकर मास्टरशेफ के रूप में अपनी महत्वपूर्ण […] Read more » साथी
टेलिविज़न अब साथी चुरायेंगे August 5, 2010 / December 22, 2011 by लीना | 2 Comments on अब साथी चुरायेंगे -लीना नाच गाकर बड़े हुए तो स्वयंवर रचाया, शादी की, गर्भवती हुए और बच्चे जने। अब उब गए ऐसी जिंदगी से तो कुछ इतर संबंध बनाने की जुगत चली है। और इसीलिए ‘मीठी छूरी’ दिल पे कटार चलाने आने वाली है। जी हां यह कोई कहानी नहीं बल्कि ‘रियल्टी’ है और पिछले कुछेक वर्षों में […] Read more » Friends साथी