विविधा समाज सामुदायिक सदभाव का सही आधार July 12, 2011 / December 9, 2011 by शंकर शरण | 3 Comments on सामुदायिक सदभाव का सही आधार शंकर शरण दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना वस्तानवी के गुजरात सम्बन्धी बयान को दूसरी तरह भी देखा जा सकता है। अब दो राय नहीं रह गई है कि पिछले नौ वर्ष में उस राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति स्पृहणीय है, कि हिन्दू-मुस्लिम दोनों उससे संतुष्ट हैं और अपने-अपने काम-धंधे लगे हैं। सामुदायिक सहयोग की यही […] Read more » Rabindranath Tagore रवीन्द्रनाथ टैगोर सामुदायिक सदभाव