कविता सूरज और चाँद भी मजे लेने लगे है June 12, 2018 / June 12, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कलयुग में सब बदलने लगे है सूरज,चाँद भी बदलने लगे है ये भी अब मजे लेने लगे है अपनी आदत बदलने लगे है इंसान की तरह बदलने लगे है एक दूजे को धोखा देने लगे है “सूरज” की जरा असलियत तो देखो, सुबह सैर को निकलता है “किरन” के साथ दोपहर को रहता है “रौशनी” […] Read more » कलयुग चाँद सूरज सूरज और चाँद भी मजे लेने लगे है