राजनीति कुछ भी कहने की आजादी बनाम हिंदुस्तान का जनतंत्र October 24, 2010 / December 20, 2011 by संजय द्विवेदी | 4 Comments on कुछ भी कहने की आजादी बनाम हिंदुस्तान का जनतंत्र देश तोड़क ताकतों के खिलाफ कड़ा रूख अपनाए सरकार – संजय द्विवेदी भारतीय जनतंत्र ने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर क्या वास्तव में लोगों को खुला छोड़ दिया है। एक बहुलतावादी,बहुधार्मिक एवं सांस्कृतिक समाज ने अपनी सहनशीलता से एक ऐसा वातावरण सृजित किया है जहां आप कुछ कहकर आजाद धूम सकते हैं। अभिव्यक्ति की […] Read more » Arundhati Roy अरूंधती रॉय सैयद अली गिलानी