समाज स्ंतों की घटती स्वीकार्यता एक विवेचना: सिद्धार्थ मिश्र‘स्वतंत्र’ November 21, 2012 / November 21, 2012 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | 1 Comment on स्ंतों की घटती स्वीकार्यता एक विवेचना: सिद्धार्थ मिश्र‘स्वतंत्र’ धर्म का मुख्य उद्देश्य है लोगों को सदाचारी एवं सद्गुण संपन्न बनाना । वस्तुतः अपनी इन्ही आंतरिक विशेषताओं के कारण धर्म की प्रासंगिकता प्रायः हर देश और समाज में एक समान है । आपाधापी एवं सामाजिकता कटुता के तप्त मरूस्थल के बीच कल्पवृक्ष के रूप में विद्यमान है धर्म । अतः आज भी सांसारिक पक्ष […] Read more » स्ंतों की घटती स्वीकार्यता