व्यंग्य साहित्य स्टाम्प पेपर वाली निष्ठा May 28, 2016 by विजय कुमार | Leave a Comment आप चाहे कुछ भी कहें साहब, पर मैं हर क्षेत्र में नये विचार और प्रयोगों का पक्षधर हूं। भले ही पुरातनपंथियों को मेरी बात पसंद न आये; पर मैं अपने विचारों पर जितना दृढ़ कल था, उतना ही आज हूं और कल भी रहूंगा। असल में कल शाम को पार्क में इसी विषय पर चर्चा […] Read more » स्टाम्प पेपर वाली निष्ठा