विविधा
‘हमारी सूरत हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के अनुरूप’
/ by मनमोहन आर्य
मनमोहन कुमार आर्य सूरत मनुष्य की आकृति को कहते हैं। भारत की जनसंख्या लगभग 125 करोड़ और सारे संसार की लगभग 7 अरब से कुछ अधिक है। यह एक बड़ा आश्चर्य है कि सभी स्त्री व पुरूषों, बुजुर्गं, जवान या बच्चे, की मुखों की सूरत, चेहरा, आकृतियां, शकल, कद-काठी, रंग-रूप अलग-अलग हैं। प्रश्न उठता है […]
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