कविता हम इंसान कहलाने योग्य कब होंगे ? February 28, 2020 / February 28, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment दिल्ली सुलग रही है ओर देश चुप है देश का आम आदमी चुप है पता नहीं क्यों कुछ विशेष आततायी भीड़ मे घिनोना चेहरा लिए आसानी से फूँक देते है मकान-दुकान जला देते है राष्ट्र की संपत्ति । उखाड़ फैकते है पीढ़ी दर पीढ़ी रह रहे लोगों के इंसानी रिश्ते फूँक देते है उनके आशियाने […] Read more » हम इंसान कहलाने योग्य कब होंगे ?