गजल हयाते गुमशुदा ने फिर पुकारा मुझे अभी August 25, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment हयाते गुमशुदा ने फिर पुकारा मुझे अभी फिरना है दर बदर और ,आवारा मुझे अभी . जिस्म में बाकी है जां रूह अभी जिंदा है लज्जते गम से होने दे आश्कारा मुझे अभी राख होने न पाए , आतिशाकुदह सारे सुलगाना है हर बुझता शरारा मुझे अभी चाहे लाख हो कोशिश ,मिटने दूंगा न उम्मीदे […] Read more » हयाते गुमशुदा ने फिर पुकारा मुझे अभी