कहानी हर कदम पर बंदिशें August 2, 2014 by अश्वनी कुमार | Leave a Comment -अश्वनी कुमार- जाड़ों का समय है सूरज के किरणों ने समुद्र की कोख में जाने का मन बना लिया है. धीरे-धीरे वह अगले दिन फिर से आने का संकेत करती हुई चमक (रोशनी) निरंतर कम होती हुई, संतरी और नीले आसमान से गायब हो रही है. हरियाणा के गांव सुकना के प्रधान के घर आज […] Read more » हर कदम पर बंदिशें हिन्दी कहानी