कविता हारा-थका किसान ! January 31, 2021 / January 31, 2021 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment बजते घुँघरू बैल के, मानो गाये गीत ! चप्पा चप्पा खिल उठे, पा हलधर की प्रीत !! देता पानी खेत को, जागे सारी रात ! चुनकर कांटे बांटता, फूलों की सौगात !! आंधी खेल बिगाड़ती, मौसम दे अभिशाप ! मेहनत से न भागता, सर्दी हो या ताप!! बदल गया मौसम अहो, हारा-थका किसान ! सूखे […] Read more » हारा-थका किसान