राजनीति समाज एकात्म मानववाद – एक दिव्य सिद्धांत September 25, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी महान दार्शनिक प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु अरस्तु ने कहा था – “विषमता का सबसे बुरा रूप है विषम चीजों को एक सामान बनाना।” The worst form of inequality is to try to make unequal things equal. एकात्म मानववाद, विषमता को इससे बहुत आगे के स्तर पर जाकर हमें समझाता है. भारत को देश से […] Read more » अंग्रेज शासन ईश्वरीय भाव फासीवाद मार्क्सवाद राष्ट्र राष्ट्रहित