आलोचना विविधा साहित्य प्यार का ढाई आखर जो सनातन, अजर और अमर है February 12, 2016 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment एम. अफसर खां सागर किसी के लिए जिन्दगी जीने का सलीका तो किसी के लिए जीने की खुबशूरत वजह है। किसी को इसमें रब दिखता है तो किसी के लिए कम्बख्त इश्क है ये। प्यार शब्द तो एक है मगर इसके मायने अनेक हैं। इतिहास गवाह है कि इश्क के नाम पर न जाने कितनी […] Read more » Featured अजर और अमर प्यार का ढाई आखर जो सनातन