कविता शायद ,अब तुमको मेरी जरुरत नहीं September 16, 2021 by प्रभात पाण्डेय | Leave a Comment शायद ,अब तुमको मेरी जरुरत नहींक्या करीने से महफ़िल सजी आपकीफिर क्यों रहमत नहीं है अजी आपकीआँखों का है धोखा या धोखा मिट रहाखो गया है चैन ,सुकून मिलता नहींहुस्नवालों में होती है ,चाहत नहींफिर भी इनके बिना ,दिल को राहत नहींतू जानती है बिन तेरे ,दम घुटता मेराशायद अब तुमको मेरी जरुरत नहीं ||अश्क […] Read more » अब तुमको मेरी जरुरत नहीं