कविता अब सच कहने का दौर नही है October 30, 2020 / October 30, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकअब सच कहने का दौर नही हैअच्छाई को अब ठौर नही हैअब गालियां, लानत-मलामतउनके सिर पे ठीकरा फोड़ना हैजो यहां के वासिंदे नही हैंयही सच्चे लोकतंत्र की मही हैकल के चोर अब चोर नही हैसच्चाई का अब खैर नही हैअब तो सिर्फ वादे ही वादे हैंअब अच्छे दिन सिर्फ यादें हैंवादों के पुलिंदे […] Read more » Now is not the time to tell the truth अब सच कहने का दौर नही है