कविता अभिमन्यु:प्रतिभा नाश होती नहीं रसायन की मार से January 21, 2021 / January 21, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | 1 Comment on अभिमन्यु:प्रतिभा नाश होती नहीं रसायन की मार से —विनय कुमार विनायकअभिमन्यु; प्रतिभा अमर होतीनाश हो सकती नहींकिसी घातक वार से जैसे कि ऊर्जा मिटती नहींकिसी रसायन की मार से अस्तु उत्परिवर्तित हो जातीहमारी भौतिक संसार से प्रतिभाशाली बालक अभिमन्युअवध्य था, हरियाली थाकिसी मां की गोद का विरवा था किसी पिता की सृष्टि का!सुहाग था किसी नवव्याहता बाला का!छतनार वृक्ष था किसी अजन्मा शिशु […] Read more » अभिमन्यु