कविता ज्वार उठाना होगा, मस्तक कटाना होगा September 10, 2018 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment कवि आलोक पाण्डेय समर की बेला है वीरों अब संधान करो, शत्रु को मर्दन करने को, त्वरित अनुसंधान करो | मातृभू की खातिर फिर लहू बहाना होगा; ज्वार उठाना होगा, मस्तक कटाना होगा| सिंहासन की कायरता से , संयम अब डोल रहा चिरस्थायी संस्कृति हित , कडक संघर्षों को खोल रहा| अखिल विश्व की दिव्य […] Read more » अमर सपूतों आतंक शिवाजी समर संस्कृति