कविता अमृत और विष अपने हिय में होता है February 6, 2021 / February 6, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकअमृत और विष अपने हिय में होता है,अमृत के नाम से चहक उठता मानव,विष के नाम पर वह व्यर्थ ही रोता है!अमृत और विष अपने हिय में होता है! विकसित करो आत्म बल को, दूर करोसारे हतबल को,छल को,मन के मल को,डर कर मानव यूं ही क्यों कर सोता है!अमृत और विष अपने […] Read more » अमृत और विष अमृत और विष अपने हिय में होता है