कविता कान्हा का धाम September 3, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रीति सुराना गोकुल कान्हा का धाम न होता। जग में गौ मां का नाम न होता,.. अमृत मंथन से निकली गौ माते, धर्मशास्त्र हैं यह बात बताते। पूजी जाती है गाय युगों से, संस्कृति यही भारत की सदियों से। धर्म में भी ऐसा काम न होता, गोकुल कान्हा का धाम न होता। जग में गौ […] Read more » अमृत मंथन कान्हा का धाम गोकुल संस्कृति