आलोचना साहित्य में घिसापिटापन और अशोक वाजपेयी की नकली चिन्ताएं June 18, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on साहित्य में घिसापिटापन और अशोक वाजपेयी की नकली चिन्ताएं जगदीश्वर चतुर्वेदी आलोचक अशोक वाजपेयी को यह इलहाम हुआ है कि हिन्दी की गोष्ठियों में घिसापिटापन होता है। सवाल यह है कि उस घिसेपिटेपन से बचने के लिए हिन्दी के प्रायोजकों और गुटबाज लेखकों ने क्या किया ?पहले अशोक वाजपेयी की महान खोज पर ध्यान दें। उन्होंने लिखा है- “हम सभी इसके दोषी हैं। हिंदी […] Read more » अशोक वाजपेयी
आलोचना अमेरिकी पूंजी, अशोक वाजपेयी और आलोचना का अवमूल्यन April 29, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on अमेरिकी पूंजी, अशोक वाजपेयी और आलोचना का अवमूल्यन जगदीश्वर चतुर्वेदी भारत में जब से फोर्ड फाउंडेशन जैसी अमेरिकी संस्थाओं का कला,साहित्य,संस्कृति,सिक्षा आदि में पैसा आना आरंभ हुआ है उसके बाद तेजी से आलोचना और अकादमिक अवमूल्यन आरंभ हुआ है। हिन्दी आलोचना और साहित्य में अमेरिकी हस्तक्षेप कोई नयी चीज नहीं है। कॉग्रेस फॉर कल्चरल फ्रीडम के हिन्दी में आगमन के साथ यह सिलसिला […] Read more » अशोक वाजपेयी
आलोचना राजनीति अशोक वाजपेयी का मार्क्सवाद पर हमला, मार्क्सवादी चुप्प ! April 21, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on अशोक वाजपेयी का मार्क्सवाद पर हमला, मार्क्सवादी चुप्प ! जगदीश्वर चतुर्वेदी हिन्दी आलोचना में नव्यउदार पूंजीवादी चारणों के बारे में जब भी सोचता हूँ तो रह-रहकर अशोक वाजपेयी याद आते हैं। इन जनाब की भजनमंडली में ऐसे 2 दर्जन लेखक हैं। अशोक वाजपेयी की शिक्षा-दीक्षा अव्वल दर्जे की रही है, सरकारी पद भी अव्वल रहे हैं, उनके पास चमचे भी अव्वलदर्जे के रहे हैं, […] Read more » अशोक वाजपेयी जनसत्ता मार्क्सवाद
साहित्य अज्ञेय जन्मशती पर विशेष- अज्ञेय के अलगाव और मार्क्स को क्यों भूल गए नामवर सिंह March 16, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment अशोक वाजपेयी ने रविवार (14 मार्च 2010) के जनसत्ता में अपने कॉलम में नामवर सिंह के द्वारा हाल ही में दिल्ली में दिए गए अज्ञेय के बारे में दिए भाषण के प्रमुख बिंदुओं को बताया है। वाजपेयी के अनुसार नामवरजी ने अज्ञेय की ‘नाच’ कविता का पाठ किया और आलोचना को कई नसीहतें दे ड़ालीं। […] Read more » Namwar Singh अज्ञेय अशोक वाजपेयी नामवर सिंह