कविता आदमी को पसंद नहीं मानवीय धर्म दर्शन April 17, 2025 / April 17, 2025 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआदमी को पसंद नहीं मानवीय धर्म दर्शनआज आदमी हो रहा है बहुत अधिक दुर्जनआदमी में बढ़ रहा है ईर्ष्या द्वेष व जलनआदमी करने लगा है बहुत छल-छंद प्रपंच! आज आदमी हो गया बहुत अधिक हिंसकअब आदमी शांत नहीं,हो रहा है विध्वंसकआदमी जाने क्यों दुर्जन को बनाता आदर्शअत्याचारी के दुष्कर्म पर क्यों मनाता हर्ष? […] Read more » Man does not like humanistic religious philosophy आदमी को पसंद नहीं मानवीय धर्म दर्शन