धर्म-अध्यात्म “आत्म-बल शरीर को अधिक कार्य करने की सामर्थ्य प्रदान करता है” October 18, 2018 / October 18, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य कमजोर भी होते हैं और बलवान भी। बलवान वह मनुष्य होता है कि जो शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ व निरोग होता है। शरीर के बल की अपनी सीमा है। यदि किसी मनुष्य का आत्मा निर्बल है तो शरीर स्वस्थ व बलवान होकर भी वह कार्य नहीं कर सकता जो आत्म बल […] Read more » आध्यात्मिक ज्ञान आर्यसमाज ईश्वरोपासना ऋषि दयानन्द