विविधा शख्सियत आनंदीसहाय शुक्ल: टूट गया सांसों का इकतारा August 20, 2015 / August 20, 2015 by गिरीश पंकज | Leave a Comment गिरीश पंकज पं.आनंदी सहाय शुक्ल हम सब को रोता बिलखता छोड़ कर चले गए। उनके निधन की खबर सुनते ही मुझे उनकी ही कविता याद आ गई, जिसमें वे कहते हैं उधो सांसों का इकतारा बजता रहे तार मत टूटे गाता मन बंजारा बाणों की शैया पर लेटा, फिर भी मत्यु न चाहे इस इच्छा इस आकर्षण […] Read more » आनंदीसहाय शुक्ल