कविता विविधा ||| आहट ईश्वर की ……!!! ||| August 3, 2015 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment ये कैसी अजनबी आहट है .. कौन है यहाँ , किसकी आहट है ये … जो मन में नए भाव जगा रही है . ये तो तुम हो मेरे प्रभु…. हे मेरे मनमंदिर के देवता कबसे तुझसे मिलने की प्यास थी मन में . आज एक पहचानी सी आहट आई तो देखा की तुम थे […] Read more » ||| आहट ईश्वर की ......!!! |||